विपुल मूर्ति साधना (गृह क्लेश मुक्ति के लिए) – Vipul Murti Sadhna


इस साधना से साधक का हृदय निर्मल हो जाता है, मन में असीम शांति मिलती है, घर में यदि कलेश का माहौल रहता हो तो शांत हो जाता है , मन पर यदि कोई बोझ हो, डिप्रेशन हो हट जाता है, मन में हर वक़्त पवित्रता का आभास होता है | मन के विकारो में विजय मिलती है | साधना में मन लगने लगता है |

 विधि

 

एक बाजोट पर पीला वस्त्र बिछाएं | उस पर भगवान दत्तात्रेय जी का सुंदर चित्र अथवा श्री दत्तात्रेय महायंत्र स्थापित करें | महायंत्र अथवा चित्र का पूजन पंचौपचार से करें | महायंत्र के सामने ही एक तेल का चौमुखा दिया जगा दें | एक पानी वाला नारियल लेकर मिट्टी अथवा ताँबे के कलश में जल डाल कर उसपर नारियल, मौली अथवा लाल वस्त्र लपेट कर स्थापित कर दें | आम आदि के पत्ते रख कर के नारियल कलश के ऊपर स्थापित करें | उसका भी पूजन धूप, दीप आदि से करें | मीठी रोटी का भोग लगाएं और बाकी रोटी किसी श्वान आदि को डाल दें | स्वयं पीले वस्त्र धारण करें और भगवान दत्तात्रेय जी को भी पीले वस्त्र अर्पण करें | फिर लाल चन्दन की माला से निम्न मंत्र का 7 अथवा 11 माला जप करें |

मंत्र 

 

|| ॐ झं द्रां विपुलमुर्ते नमः स्वाहा ||

|| Om Jham Dram Vipulmurte Namah Swaha ||

 

 

साधना पूर्ण होने पर किसी कन्या को भोजन अथवा दक्षिणा देकर संतुष्ट करें | साधना के दूसरे दिन कलश का जल घर में छिड़क दें और नारियल शिव मंदिर अथवा जल में प्रवाह कर दें | इस तरह यह साधना पूर्ण हो जाती है जोकि साधक अथवा उसके घर को बदल देती है, मतलब शांति देती है |