नाग कड़ा साधना | Naag Kada Sadhana


यूं तो नाग कड़े 101 होते हैं | इनकी साधना करने वाला हर नाग को अपने वश में कर लेता है | नाग को कीलित भी कर सकता है | नाग को पकड़ भी सकता है और नाग उसे कोई नुक्सान नहीं पहुंचा सकता पर इसके लिए भी कुछ नियम अपनाने पड़ते हैं | जो मंत्र नाग विष उतारने के काम या नाग को वश में करने के काम आते हैं उन्हें नाग कड़ा कहा जाता है | यहाँ एक नाग कड़ा दे रहा हूँ, इसकी साधना करने से नाग को पकड़ने पर वो नुक्सान नहीं करता और इससे किसी नाग डसे इंसान का इलाज भी किया जा सकता है, उसकी जान बचाई जा सकती है |

इसकी साधना बताई हुई विधि से ही करें, अपनी सुविधा से फेर बदल न करें | मैंने महसूस किया है कि कई साधक साधना तो देख लेते हैं फिर अपनी सुविधा अनुसार ही नियम बना लेते हैं और जब सिद्ध नहीं होती तो साधना को दोष दे देते हैं | मैं यह साधना अनुभव की कसौटी पर ही दे रहा हूँ, इसलिए नियम अपनाने जरूरी हैं, वरना न करें |

यह साधना 40 दिन में सिद्ध होती है, यह एक मान्त्रिक साधना है | इसको कर लेने के पश्चात आपके मन में नाग का भय समाप्त हो जायेगा और आप किसी भी नाग को पकड़ने में सक्षम हो जाते हैं | जब यह कड़ा पढ़ा जाता है तो नाग स्वयं आकर समर्पण कर देता है | इसलिए उसे पकड़ने से पहले उसे वचन दें कि मैं आपको कोई नुक्सान नहीं करूँगा, आप बाहर आ जाएँ, मैं आपको यहाँ से ले जाकर बाम्बी में आबाद कर दूंगा | ऐसा वचन करने से नाग शांत भाव से आकर बैठ जायेगा और आप कड़ा या यह कील पढ़ कर उसे कीलित कर सकते हैं | इसके लिए थोड़े आटे में नमक मिलाकर आसपास का इलाका कील दें और लोगों को पीछे हटा दें, कई बार नाग डर कर दूसरी जगह की और भाग पड़ता है | कील लगाने से वो कील में आ जाता है या आप जब यह मंत्र पढ़ते हैं आपके पास आकर बैठ जाता है तो उसे सावधानी से पकड़ कर किसी थैले में डाल दें, वो आपको कुछ नहीं कहेगा | उसे सिर से 4 इंच छोड़ कर भी पकड़ सकते हैं | फिर उसे किसी बाम्बी के पास ले जाकर छोड़ दें और उसे कील मुक्त कर दें | कील मुक्त करने के लिए नाग उत्कीलन भी दिया जा रहा है और दूसरी बात अगर कोई आदमी नाग डसे वाला आ जाये तो इस मंत्र से आप उसका झाड़ा कर सकते हैं या पढ़ कर कटी जगह पर फूँक लगा देने से विष अपने आप निकलने लग जाता है और वो विष मुक्त हो जाता है | इस साधना को जिस दिन शुरू करें, उस दिन नमक न खाएं और जिस दिन पूरी हो जाये उस दिन भी नमक का त्याग करें |

विधि

यह 40 दिन की साधना है, इसे कोई भी कर सकता है | वस्त्र कोई भी पहने और इसे किसी नदी या तालाब आदि के किनारे बैठ कर करें और एक लौटे में दूध मिश्रित जल डालें और उसे अपने पास रखें, घी का दिया लगा सकते हैं और पूजा के लिए फूल आदि पास रखें, अगरबत्ती लगा दें और काली हकीक माला या रुद्राक्ष की माला से एक माला मंत्र जाप करें मतलब 108 बार मंत्र करना है 40 दिन | और जब जाप पूरा हो जाये तो लोटे में जो दूध पास में रखा है उसे नाग की बाम्बी में डाल दें | इस मंत्र को  7 बार पढ़ कर अगर सांप डसे पर फूँक मार दें तो विष उतर जाता है, ऐसा सप्ताह तक या 3 दिन करें, आराम होगा |

नाग कड़ा

जहाँ कहाँ कालू बालू | कीला तेरे होंठ दंद मुख तालु | कीलु तेरी मायी वावा जिन तू जाया | कीलु तेरी नानी दादी जिन तू गोद खिलाया | कीलु तेरे भाई बंदी जिन तू लाड लड़ाया | कीलु तेरी कुल सभाई जिन तू साथ फिराया | साहंसर कील तेरी कुल की जात | कीलु विशियर का परिवार ईसर कीले गोरजा कहे | मेरा कीलिया तीन युग रहे | निके निके कोड़ कुडन्दिये चड़दे सहज कलियान उभर मारी कालिया तू रख लेई सुल्तान |  सास बहू आडंबर किया भर पियाला विष का पिया |  दिल पिंडे को आग लगी तिस पिंडे को छाया | विशे मांदरी परचायेया | झड़ री झड़ विष झड़ नहीं तो खारे खूह में पड़ | दिनी पई भनेवा आया | मासी ते मोसा पाले | गूगा हाथ वरमी घते कढ़े नाग मुख जाले अहिए दहिए तिलक तलोकन कढ़न नाग फरनाले | बुहे ते घत कुंडल बहदे डस पीवन डसियाले | नदी किनारे ढूडन लगे काली कबली आले | काली नागनी सिर बने डोरी | काहे रे विशिया घर जाए करे जोरी | हनुमत ने वंधी पास धरोही हनुमत वीर की | विश जो तु चड़े कपाल उतरे ते उतारू नहीं तो नल मुख गरुड़ को हौकारु | नील मुख गरुड़ छोड़ी लाल विश गई सातवे पाताल | फूरो मंत्र ईसर महादेव की वाचा फुरे | निके निके तिलियर बिसु दई तबाह | हाथ न घते मांदरी चंद वल आखे खार | हुंद पीर साहब का हुंदा पीर साहब का | झड़ री झड़ तू विश झड़ खुह खाते में जा के पड़ | सत्य नाम आदेश गुरु को ||

यह मंत्र बहुत पावरफुल है | इससे किसी भी सांप डसे व्यक्ति का इलाज किया जा सकता है और इससे नाग को कील भी सकते हैं | जब नाग कील में आ जाता है तो बिना हिले पास बैठा रहता है | उसे उठा के किसी बाम्बी के पास छोड़ देना चाहिए और उस वक़्त उसे कील मुक्त कर देना चाहिए, नहीं तो वो हिल नहीं पायेगा |

नाग कील उत्कीलन (नाग को कील मुक्त करने के लिए )

ॐ गुरु जी को अदेस |

कीलन भ्यी उत्कीलनी वाचा भ्या को वाच ,

सर्पा जायों घर अपने चुंग पुंग चारो मास ||

इस मंत्र से थोड़ी रास्ते की धूल लेकर उसे 7 बार पढ़ लें फिर नाग के ऊपर फेंक दें हल्के से और सावधानी से पीछे हट जाएँ | नाग कील मुक्त होते ही चलने लगेगा और नाग किसी का मित्र नहीं यह आप जानते हैं | इसलिए बिना वहां रुके नमस्कार कर घर वापिस आ जाएँ और फिर रविवार को बाम्बी में ढूध डाल दें |

ॐ